प्रिय संपादक,
मजदूर एकता लहर का मैं एक नियमित पाठक हूँ। इस में आनेवाले लेख हमें मजदूरों और किसानों के संघर्षों की ताजा खबरें देते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इससे अपने संघर्षों को मजदूर किसानों को देश के हुक्मरान बनाने की दिशा में सही राजनीति भी मिलती है। वास्तव में यह पेपर हमारे मेहनतकशों का, मज़दूर-किसानों का पेपर है।
हमारी कोशिश यही रहती है कि यह पेपर ज्यादा से ज्यादा फैले। मेहनतकश व किसानों को जितना ज्यादा हम समझा पाऐंगे उतना ही अच्छा है। इसी दिशा में जो एक कदम उठाया गया है वह मुझे बहुत ही अच्छा लगा। हमारी वेबसाईट पर “लेखों को सुनिए” नामक नया सेक्शन बना है जहां कुछ महत्त्वपुर्ण लेख तथा बयान हमें ऑडियो के माध्यम से उपलब्ध हुए हैं। इससे मजदूर एकता लहर का प्रचार और विस्तृत हुआ है।
हमें यह पता ही है कि हमारी बहुसंख्य आबादी पढाई-लिखाई में कमजोर है। साक्षर बनाने की तमाम सरकारी योजनाओं में सिर्फ हस्ताक्षर करना सिखाया जाता है। हमारी शिक्षण व्यवस्था को जानबूझकर ऐसा बनाया गया है कि इससे पढने में रुचि ही पैदा नहीं होती। इन सभी तबकों तक पहुंचने का एक जरिया हमें इस सेक्शन के माध्यम से खुल गया है। दूसरी बात है कि दरअसल, जिसे अंग्रेजी विरासत ही कह सकते हैं, कि हमारे देश में लिखावट को बोली में बदलने वाले कई सॉफ्टवेअर अंग्रेजी के लिए उपलब्ध है जो कि हिंदी के लिए उपलब्ध नहीं है, जबकि हिन्दी को राष्ट्रभाषा माना जाता है। ऐसे में ऐसी सेवा का होना जरूर हमारे पेपर का विस्तार बढाएगा।
शहरों में रहनेवाले बहुतांश मजदूर रोजीरोटी कमाने के लिए दिन में 12-12 घंटे काम करते हैं। वे काम से इतना थक जाते हैं कि पढने के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है। रेलवे, बस की खचाखच भीड में सफर करते वक्त पढना मुश्किल है पर सुनना उतना कठिन नहीं है। इस सेक्शन से उन मजदूरों को भी मदद मिलेगी ।
अन्य बात यह है कि लेखों को बहुत सरल तरीके से पढ़ा गया है। सही जगह ठहराव दिए गए है जिससे लेख सुनने में और रोचक लगता है। मेरा मानना है कि इस सेक्शन से हमारे पेपर को और मजबूती मिलेगी।
पेपर को और बेहतर बनाने के लिए दिनरात मेहनत करनेवाले साथियों को लाल सलाम और मजदूर एकता लहर को और बेहतर बनाने के लिए धन्यवाद।
आपका पाठक,
सूरज,
मुंबई