17 अगस्त, 2021 को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) के बैनर तले, रेल चालकों और बच्चों सहित उनके परिजनों ने बिलासपुर डिविज़नल रेल मैनेजर (डी.आर.एम.) के कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। बिलासपुर के डी.आर.एम. ने चालकों को प्रदर्शन के लिये टेंट तक नहीं लगाने दिया। चालकों, परिजनों और बच्चों ने नारे लगाकर इसका विरोध किया। उन्हें अपने धरना-प्रदर्शन को पेड़ के नीचे करना पड़ा।
इस धरना-प्रदर्शन में रेल चालकों और उनके परिवारों की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित लगभग 400 लोगों ने भागीदारी की। रेल चालकों ने ऐसा ही धरना प्रदर्शन रायगढ़, कोरबा, शहडोल, बिजुरी, सूरजपुर एवं ब्रजराजनगर मुख्यालयों पर क्रू-लॉबी के सामने किया। वहां पर भी उनके परिवारों की सैकड़ों महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया।
रेल चालकों का यह प्रदर्शन, रेल प्रशासन के उस आदेश के ख़िलाफ़ था जिसके तहत 60 से अधिक रनिंग कर्मचारियों की तैनाती, खोंगसरा एवं लजकुरा में बनी नई सुविधाहीन क्रू-लाबियों पर की गई है।
इस धरना-प्रदर्शन को ए.आई.एल.आर.एस.ए. के पदाधिकारियों और सदस्यों के अलावा उनके परिवारों के सदस्यों ने भी संबोधित किया। उनका कहना है कि रेल प्रशासन अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को परेशान कर रहा है। जिस दिन से यह आदेश जारी हुआ है, हम सभी चिंतित हैं। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। इस तैनाती के कारण न केवल घर का कामकाज, बल्कि पढ़ाई भी प्रभावित होगी।
ए.आई.एल.आर.एस.ए. की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, खोंगसरा में आवास, स्कूल, अस्पताल, बाज़ार, आदि कुछ भी नहीं है। कर्मचारियों को वहां किराये का मकान भी नहीं मिलेगा, क्योंकि वह बस्ती बहुत छोटी-सी है। ऐसी जगहों पर आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के बिना केवल काग़जों में क्रू-लॉबी का निर्माण करके वहां पर तैनाती करना पूर्णतः अमानवीय है। यह रेलवे बोर्ड द्वारा, लॉबियों के निर्माण/विकास के लिए समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पूर्णतः उल्लंघन है।
खोंगसरा जंगली क्षेत्र है, जहां दूर-दूर तक कोई शहर या कस्बा नहीं है। खोंगसरा में मेल/एक्सप्रेस व लजकुरा में किसी भी सवारी गाड़ी का ठहराव नहीं है। लजकुरा से 3 किलोमीटर की दूरी पर ब्रजराजनगर लॉबी पहले से मौजूद है।
मांग की गई कि सुविधाहीन स्थानों पर अनावश्यक क्रू-लॉबी खोलना बंद किया जाये। खर्च में कटौती के नाम पर रनिंग स्टॉफ को प्रताड़ित करना बंद किया जाये। लोको रनिंग परिवार के साथ अमानवीय बर्ताव बंद किया जाये।
विदित रहे कि इससे पहले बनाए गये सूरजपुर एवं खरसियां क्रू-लॉबी पर भी अनेक आश्वासनों के बावजूद अभी तक मूलभूत संरचनाओं का निर्माण नहीं किया गया है। सूरजपुर में तो कर्मचारियों को रनिंग रूम की जगह कंटेनर डिब्बों में सुलाया जा रहा है। इस विषय को लेकर मंडल एवं जोन के सभी संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन देकर चर्चा की जा चुकी है, लेकिन उनका रवैया निराशाजनक है।
प्रदर्शनकारियों ने रेल प्रशासन को यह चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इस समस्या के समग्र समाधान होने तक रनिंग कर्मचारियों का यह आन्दोलन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन के अंत में मंडल रेल प्रबंधक से मुलाक़ात करके समस्या के निवारण हेतु ज्ञापन सौंपा गया।