किसान आंदोलन ने अप्रैल-मई में अपने संघर्ष को तेज करने की घोषण की

किसान आंदोलन ने 18 मार्च को हरियाणा विधानसभा द्वारा “सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की भरपाई वसूली विधेयक-2021” पारित किये जाने पर अपना विरोध जताने का ऐलान किया।

4 अप्रैल 2021 को लुधियाना के किसानों ने एफ.सी.आई. द्वारा फसल की गारंटी न देने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया

किसान आंदोलन इस विधेयक का विरोध करने के लिए ट्रेड यूनियनों और मज़दूर संगठनों, वकीलों, व्यापारियों, महिलाओं और नौजवानों के संगठनों को लामबंद करेगा!

5 अप्रैल को देशभर में भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के कार्यलयों का घेराव करने की योजना है। “एफ.सी.आई. बचाओं दिवस” के एक हिस्से बतौर, घेराव के जरिये राज्य द्वारा खाद्यानों की खरीदी की गारंटी की मांग को उठाया जायेगा ।

10 अप्रैल को कुंडली-मानेसर-पलवल (के,एम,पी,) पश्चिमी एक्सप्रेसवे को 24 घंटे के लिए बंद करने का फैसला लिया गया।

इसके आलावा कई अन्य कार्यक्रमों की भी घोषणा की गयी जिसमें शामिल है – 14 अप्रैल को किसान बचाओ दिवस और 1 मई को किसान-मज़दूर एकता दिवस, जिसे दिल्ली के आसपास धरना प्रदर्शन स्थलों पर मनाया जायेगा।

तीनों किसान-विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए मई के पहले पखवाड़े में संसद तक मार्च करने की योजना भी बनायीं जा रही है।

 

 

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