मज़दूरों, किसानों, विद्यार्थियों और नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह के अवसर पर नोहर में एक जोशीली सभा आयोजित की।
सभा का आयोजन लोक राज संगठन की नोहर समिति ने किया था।
मज़दूरों, किसानों, विद्यार्थियों और नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह के अवसर पर नोहर में एक जोशीली सभा आयोजित की।
सभा का आयोजन लोक राज संगठन की नोहर समिति ने किया था।
वक्ताओं में शामिल थे, लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा, ईंट भट्टा मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष नियामत अली, राजस्थान की सरपंच यूनियन के महासचिव ओम साहू, संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनोज चोटिया, एडवोकेट जे.पी. चैधरी, आई.एस. हूडा, विश्वकर्मा मिस्त्री मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष आधारिश गौरी, ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष भावालाल रगार, मरूधरा मुस्लिम प्रगतिशील समिति के अध्यक्ष इकबाल खान, कॉमरेड महबूब अली, हंसराज शर्मा, जयमल स्वामी, राष्ट्रीय लोक दल की जिला समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह बेनीवाल, रामगढ़ जल वितरण समिति के अध्यक्ष कुलदीप भंभू, छात्र संघ के अध्यक्ष अमित संखी, छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष नंदलाल वर्मा, छात्र संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र भुंडालिया, नोहर राजकीय महाविद्यालय छात्र संघ के महासचिव प्रदीप मेघवाल, एन.पी.बी. कॉलेज छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा, ए.बी.वी.पी. अध्यक्ष राजेन्द्र जंगिड, ए.आई.एस.एफ. के तहसील अध्यक्ष करण जंगिड, दुनीचंद, लोक राज संगठन के नोहर शाखा के महासचिव गणेश सैनी, हिंद नौजवान एकता सभा के संतोष कुमार, अशोक वर्मा, उपसरपंच रामजी लालजी, किसान विकास समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रवक्ता और लोक राज संगठन के सचिव कॉमरेड प्रकाश राव ने सभा का मुख्य भाषण दिया।
शहीद भगत सिंह को श्रद्धा अर्पित करते हुये वक्ताओं ने ध्यान दिलाया कि एक शोषणहीन समाज बनाने का अपने शहीदों का सपना पूरा नहीं हुआ है। इसके लिये आज भी संघर्ष जारी है। वक्ताओं ने मज़दूरों और किसानों के हो रहे भयंकर शोषण की तुलना बड़े पूंजीपतियों से की, जो अपार धन-दौलत जमा करके वैश्विक खिलाड़ी बन चुके हैं। वक्ताओं ने बताया कि प्रस्थापित आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था की वजह से ही ऐसा संभव है और परिस्थिति को बदलने के लिये एक मूलभूत परिवर्तन की जरूरत है। वर्तमान पार्टीवादी राजनीतिक व्यवस्था की बनावट ही ऐसी है कि इसमें टाटा, अंबानी तथा दूसरे पूंजीपति ही राज करने के सक्षम हैं और लोगों को सत्ता से दूर रखा जाता है। इसे बदलने की जरूरत है। अलग-अलग वक्ताओं ने मज़दूरों और किसानों का राज यानि कि लोक राज, लाने की जरूरत पर जोर दिया।
कॉमरेड हनुमान प्रसाद ने एक प्रेरणाजनक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने शासक वर्ग की करतूतों का पर्दाफाश किया। उन्होंने मेहनतकश लोगों व राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शोषक वर्ग की भटकाऊ बातों में न आने का आह्वान दिया। हमें मसीहा मानकर व्यक्तियों के पीछे नहीं जाना चाहिये बल्कि लोक राज संगठन जैसे लोगों के संगठन बनाने चाहिये, जिसके जरिये लोग सत्ता में आयेंगे और राजनीतिक सत्ता का उपयोग करेंगे। इस या उस पार्टी के पीछे या इस या उस व्यक्ति या गुट के पीछे जाने से लोगों के हाथ में सत्ता नहीं आ सकती है। उन्होंने कहा कि किसी “बुरे व्यक्ति” की जगह किसी “अच्छे व्यक्ति” को लाने से भ्रष्टाचार या लोगों की समस्यायें हल नहीं हो सकती हैं। ऐसी धारणाओं का इसलिये प्रचार किया जाता है ताकि मौजूदा राजनीतिक व अर्थव्यवस्था को समस्याओं की मूल जड़ के रूप में नहीं पहचाना जा सके। इसीलिये, हालांकि हम सक्रियता से भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ते हैं, परन्तु हम ऐसा वर्तमान शोषकों के हित की पार्टीवादी व्यवस्था को हटा कर मज़दूरों व किसानों के राज, यानि कि लोक राज, के असली समाधान को मद्देनज़र रखते हुये करते हैं।
कॉमरेड संतोष कुमार ने भावुकता से मज़दूरों, किसानों और नौजवानों को मार्क्सवाद-लेनिनवाद के अध्ययन की ओर और उसका इस्तेमाल देश की समस्याओं के समाधान निकालने की जरूरत पर जोर दिया। छोटी उम्र में ही जब शहीद भगत सिंह जेल में थे, तब उन्होंने इसकी महत्ता पहचानी थी। उन्होंने जेल में इस विज्ञान का अध्ययन शुरू किया था जिसका इस्तेमाल करके मज़दूर वर्ग समाज से हर तरह का शोषण और दमन मिटा सकता है। इस क्रान्तिकारी विज्ञान की रोशनी के बिना, मज़दूर, किसान व क्रान्तिकारी बुद्धिजीवी, देशी और विदेशी शोषकों के छल-कपट को हरा नहीं पायेंगे और सभी तरह के शोषण से मुक्त समाज को नहीं बना पायेंगे।
कॉमरेड प्रकाश राव ने अपने भाषण में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति पर बात की। खास तौर पर उन्होंने दुनियाभर में आंग्ल-अमरीकी साम्राज्यवाद की दुनिया पर आधिपत्य जमाने वाली युद्धखोर रणनीति के फलस्वरूप, शांति को आने वाले गंभीर खतरों पर ध्यान दिलाया। आंग्ल-अमरीकी साम्राज्यवाद दुनियाभर के आतंकवाद का स्रोत है और “आतंकवाद के खिलाफ़ जंग” और “मानवीय सहायता” जैसे नारों की आड़ में अपना उद्देश्य पूरा कर रहा है। ईरान के साथ-साथ, विभिन्न देशों और सरकारों ने अमरीकी साम्राज्यवाद का विरोध किया है। आज पाकिस्तान पर अमरीका का भारी ख़तरा है और आंग्ल-अमरीकी साम्राज्यवाद को हराने में पाकिस्तानी लोगों को, हिन्दोस्तानी लोगों की सहानुभूति व सहायता की बहुत जरूरत है। यह शर्म की बात है कि मनमोहन सिंह की सरकार अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के लोगों के हित के खिलाफ़ अमरीकी साम्राज्यवाद के साथ सांठ-गांठ में है। वह आंग्ल-अमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा अपनाये गये ख़तरनाक रास्ते का विरोध करने के लिये तैयार नहीं है। दुनिया के इस इलाके में और दुनियाभर में, एक ख़तरनाक परिस्थिति पैदा होने का सामना करने के लिये उन्होंने सतर्क रहने का बुलावा दिया। साम्राज्यवाद का सामना करने के लिये उन्होंने अपने लोगों की, एशिया के लोगों की, और दुनियाभर के लोगों की एकता बनाने पर जोर दिया।
रंगभूमि नाट्य समूह के नौजवानों ने दो सुंदर भांगड़ा नृत्य पेश किये जिसने सभी सहभागियों को प्रेरित किया।
सभा ने राज्य के मुख्यमंत्री को भेजने के लिये एक ज्ञापन को सहमति दी जिसमें ज्ञापन में उठायी गई मांगों पर तुरंत कार्यवाई करने की मांग की गयी है।
शहीद भगत सिंह अमर रहें! भ्रष्टाचार का एक इलाज, लोक राज, लोक राज! हम हैं इसके मालिक, हम हैं हिन्दोस्तान, मज़दूर-किसान-औरत और जवान! इंक़लाब जि़न्दाबाद! के नारों के साथ, सभा एक जोशीली रैली में बदल गयी और तहसीलदार के कार्यालय तक जलूस निकाला गया।