फैसले लेने की ताकत

फैसले लेने की ताकतहिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की आवाज़ “फैसले लेने की ताकत” इस प्रकाशन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा 1,18 और 28 अगस्त 2011 को जारी किये गए तीन बयान है.

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फैसले लेने की ताकतहिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की आवाज़ “फैसले लेने की ताकत” इस प्रकाशन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा 1,18 और 28 अगस्त 2011 को जारी किये गए तीन बयान है.

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पूर्वकथन:

इस समय पूंजीपति वर्ग का अभी भी पलड़ा भारी है, परंतु सब कुछ उसकी योजनाओं के अनुसार नहीं होता है। कुछ ऐसी गतिविधियां हो जाती हैं जिनका शासक वर्ग को पूर्वाभास नहीं होता, जिनकी वजह से हालतें अपने विपरित में बदल जाती हैं। लोकपाल बिल की रचना करने और हिन्दोस्तान के संसद में उसे पारित करने की प्रक्रिया के साथ भी ऐसा ही हुआ। अगस्त 2011के दौरान, जब अन्ना हज़ारे के सत्याग्रह से प्रेरित जन आंदोलन चल रहा था, तब हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी सक्रियता से गतिविधियों का विश्लेषण कर रही थी और उस विश्लेषण के आधार पर कार्यदिशा पेश कर रही थी। यहां हम इसी महीने में पार्टी की केन्द्रीय समिति द्वारा जारी तीन बयान प्रकाशित कर रहे हैं, सबसे हाल का बयान पहले और सबसे पुराना बयान आखिर में। ये बयान साफ-साफ समझाते हैं कि जन आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ रहा है और राज्य के नवनिर्माण की जरूरतपर जोर देते हैं, जिसके लिये आज हालतें परिपक्व हैं।.

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