रेलचालक कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण कदम लेने की तैयारी में

मध्य रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) के मुंबई विभाग की अर्धवार्षिक सभा 16 जुलाई, 2011 को कल्याण के महावीर हॉल में की गयी। जबरदस्त बारिश के बावजूद सौ से भी अधिक प्रतिनिधि सभा में भाग लेने के लिये उपस्थित थे। ए.आई.एल.आर.एस.ए. रेलवे चालकों का लड़ाकू संगठन है, जिसके झंडे तले दसियों-हजारों रेलचालक अपने अधिकारों के लिये संगठित हो रहे हैं।

मध्य रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) के मुंबई विभाग की अर्धवार्षिक सभा 16 जुलाई, 2011 को कल्याण के महावीर हॉल में की गयी। जबरदस्त बारिश के बावजूद सौ से भी अधिक प्रतिनिधि सभा में भाग लेने के लिये उपस्थित थे। ए.आई.एल.आर.एस.ए. रेलवे चालकों का लड़ाकू संगठन है, जिसके झंडे तले दसियों-हजारों रेलचालक अपने अधिकारों के लिये संगठित हो रहे हैं।

सभा की अध्यक्षता ए.आई.एल.आर.एस.ए. के महासचिव, कॉमरेड एम.एन. प्रसाद ने की। ए.आई.एल.आर.एस.ए. के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कॉमरेड भारद्वाज ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रेलचालक अपनी जायज मांगों को पाने के लिये हमेशा अडिकता से संघर्ष के रास्ते पर चले हैं। उन्होंने मज़दूर वर्ग के सभी हिस्सों की एकता की जरूरत पर जोर दिया। इस संदर्भ में उन्होंने ध्यान दिलाया कि ए.आई.एल.आर.एस.ए. एक ऐसी पहलकदमी में भागीदार है जो मज़दूर वर्ग के विभिन्न तबकों के संगठनों को साथ ला रहा है ताकि वे एक दूसरे की चिंताओं को समझें और सक्रियता से एक दूसरे के संघर्षों का समर्थन करें। वे 16 जून को मुंबई में हुई सभा पर इशारा कर रहे थे, जिसमें ट्रेड यूनियनों और मज़दूरों के संगठनों के प्रतिनिधि साथ आये थे। उन्होंने घोषणा की कि मज़दूर वर्ग का एक लड़ाकू संयुक्त मोर्चा बनाने के लिये ए.आई.एल.आर.एस.ए., दूसरे संगठनों के साथ सक्रियता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा इन लड़ाकू संगठनों के प्रतिनिधियों को, इसी उद्देश्य से ए.आई.एल.आर.एस.ए. की आंतरिक सभा में आमंत्रित किया गया है। मेहनतकश लोगों के अधिकारों का लगातार बचाव करने के लिये और संघर्ष में एकता बनाने में योगदान देने के लिये उन्होंने लोक राज संगठन का गर्मजोशी से स्वागत किया।

सभा के दौरान, बहुत से प्रतिनिधियों ने रेलचालकों की भयंकर और बिगड़ती काम की शर्तों के बारे में बात की। उन्होंने रेलचालकों के शोषण और कार्यकाल को बढ़ाने व बिना रेलचालकों के रिक्त पदों को भरे रेलगाडि़यों की संख्या बढ़ाने की रेलवे मंत्रालय की कार्यवाईयों का उल्लेख किया। बड़ी संख्या में रेलगाडि़यों की दुर्घटनायें, जिनमें बड़ी संख्या में यात्रियों की मृत्यु हुई हैं, इनके लिये उन्होंने सबतरफे बढ़ते शोषण और पटरियों में उन्नति लाने व सुरक्षा के कदमों को लागू करने की नामंजूरी को दोषी ठहराया। हर एक दुर्घटना के बाद रेल मंत्रालय के अफसरों ने जिम्मेदारी उन मृत रेलचालकों पर डाली है जो अपनी बात नहीं रख सकते हैं। प्रतिनिधियों ने रेलवे मंत्रालय की ऐसी बेरुखी पर ध्यान दिलाया।

ए.आई.एल.आर.एस.ए. के महासचिव ने, रेलचालकों द्वारा बहादुरी से संघर्ष करने की तैयारी के लिये, प्रतिनिधियों को बुलावा देते हुये, एक जोशीला भाषण दिया। अपने देश की 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल के उदाहरण पर ध्यान दिलाते हुये, उन्होंने जोर दिया कि अभी भी पूंजीपतियों की ही सरकार है जो राज कर रही है और वो हमारे संघर्ष को कुचलने के लिये हिंसा का इस्तेमाल करेंगे, पर वह हमें घुटने टेकने के लिये मजबूर नहीं कर सकते। उन्होंने घोषणा की कि उनकी धमकियों और राज्य के आतंक के सामने रेलचालक नहीं झुकेंगे। उन्होंने मज़दूरों को वियतनाम के लोगों के ऐतिहासिक संघर्ष से प्रेरणा लेने का आह्वान दिया, जिन्होंने अमरीकी साम्राज्यवाद की सैनिक घुसपैठ के खिलाफ़ दो दशकों का महान संघर्ष किया और हमलावरों को हराकर अपने देश को आजाद किया।

अपना भाषण समाप्त करने के पहले ए.आई.एल.आर.एस.ए. के नेता ने अलग-अलग क्षेत्रों के मज़दूरों के बीच विचारों और कार्यों में एकता बनाने की मज़दूर एकता लहर की अहम भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को मज़दूर एकता लहर के ग्राहक बनने के लिये चंदा देने के लिये और इसे अपना हथियार के जैसे समझकर दूसरे सक्रिय मज़दूरों के बीच बांटने का बुलावा दिया।

मज़दूर एकता लहर, रेलचालकों के संघर्ष को, अपने देश के मज़दूर वर्ग के संघर्षों का तथा सभी तरह के शोषण और दमन को खत्म करने के आंदोलन का, एक अत्यधिक महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है। अपने वर्ग का एक सबसे संगठित और सचेत हिस्सा होने के नाते, रेलचालक और उसके लड़ाकू संगठन को मज़दूर वर्ग की एकता बनाने और मजबूत करने में एक सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है ताकि साम्राज्यवादी वैश्वीकरण के कार्यक्रम का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके तथा किसानों और सभी मेहनतकश लोगों के साथ गठबंधन में समाज में राज करने के साथ सभी मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।

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